दुबई पर शासन करने वाला भी 'आम आदमी'

दुबई के शासक हैं शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल मक़तूम. साल 2006 से ही देश के प्रधानमंत्री हैं. इनकी पारिवारिक संपत्ति क़रीब चार अरब डॉलर यानी लगभग 27 हज़ार करोड़ रूपयों से ज़्यादा की है.
शानों-शौक़त और सुख सुविधाओं का भरा-पूरा अमला भी उनके आसपास नज़र आता है. लेकिन दुबई की चमक-दमक और शानों-शौक़त के बीच शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल मक़तूम एक तरह की सादगी भी अपनाते रहे हैं.

शेख़ साहब ने अपना महल ख़ु्द दिखाते हुए बताया कि उनके दादा के समय से ही यह महल ऐसा ही है. शेख ने बताया, "जब हमारा जन्म हुआ था, तब दुबर्ई में लाइट नहीं थी, लालटेन होता थी. पानी भी नहीं."उनकी जीवन-शैली के बारे में जानने के लिए बीबीसी संवाददाता जॉन सोपल उनसे मिलने उनके शाही महल पहुंचे.
शेख़ ऐसे शासक हैं, जहां कोई भी आम नागरिक, कभी भी उनके पास अपनी समस्या लेकर पहुंच सकता है. महल का एक हिस्सा ऐसा है जहां रोज़ाना आम जनता अपनी समस्या लेकर पहुंचती है और निर्धारित समय पर शेख़ साहब ख़ुद ही समस्याएं सुनते हैं और उसका हल निकालने की कोशिश करते हैं.

गाड़ी चालक शेख़

शेख़ साहब ने अपना फ़ोन नंबर भी आम जनता के लिए मुहैया कराया है. वे बताते हैं, "मेरे पास दो नंबर है, एक व्यक्तिगत है और दूसरा आम लोगों के लिए. लोग इसे जानते हैं और मुझे कभी भी फ़ोन करते रहते हैं."
इतना ही नहीं, दुबई पर शासन करने वाले और अरबों की संपत्ति के मालिक शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल मक़तूम बीते दस वर्षों से एक ही फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्मार्टफ़ोन के ज़माने में यह एक तरह की सादगी ही है.
"मेरे पास दो नंबर है, एक व्यक्तिगत है और दूसरा आम लोगों के लिए. लोग इसे जानते हैं और मुझे कभी भी फ़ोन करते रहते हैं."
शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल मक़तूम, दुबई के प्रधानमंत्री
इतना ही नहीं, गगनचुंबी इमारतों और अपने पुरखों के बसाए गए शहर को बीबीसी संवाददाता जॉन सोपल को दिखाने का ज़िम्मा राशिद ने अपने किसी मातहत को नहीं सौंपा. वे ख़ुद ही मर्सिडीज़ की एसयूवी पर बीबीसी संवाददाता को लेकर निकल पड़े.

उन्होंने सोपल को भरोसा दिलाते हुए कहा, "मैं गाड़ी बहुत अच्छी तरह से चलाता हूं."