माओत्से तुंग की 120वीं वर्षगांठ का जश्न

माओत्से तुंग की 120वीं वर्षगांठ
आधुनिक चीन के संस्थापक माओ ज़ेडोंग की 120वीं वर्षगांठ 26 दिसंबर को मनाई गई. इस अवसर पर पूरे देश में आयोजन हुए.
राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और प्रधान मंत्री ली किचियांग समेत पोलितब्यूरो के चोटी के नेताओं ने राजधानी बीजिंग में माओ की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. एक अक्तूबर 1949 को तियेनएनमेन चौक में जमा जनता के सामने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन चेयरमैन माओ ने चीनी गणराज्य की स्थापना की घोषणा की थी.
माओत्से तुंग की 120वीं वर्षगांठ
माओ ने चीन का नेतृत्व 27 वर्षों तक 1976 में अपनी मौत तक किया. हज़ारों लोग हुनान प्रांत के शाओशान गांव में भी जमा हुए जहां माओ का बचपन बीता. माओ का शव बीजिंग में उनकी समाधि में संरक्षित कर रखा हुआ है. चीन की आम जनता ने भी अपने नेता को याद किया. बीजिंग में राष्ट्रीय संग्रहालय में इस मौके पर एक कला प्रदर्शनी आयोजित की गई.
माओत्से तुंग की 120वीं वर्षगांठ
चेयरमैन माओ का जन्म 26 दिसंबर 1893 में हुआ था. वे पूंजीवाद के घोर निंदक थे. वह 1950 के दशक के 'ग्रेट लीफ फॉरवर्ड' और 1966 से 1976 तक चली सांस्कृतिक क्रांति के जनक थे. इन सामाजिक प्रयोगों में करोड़ों निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी.
माओत्से तुंग की 120वीं वर्षगांठ
ये तस्वीर हुबई प्रांत के वुहान की है जहां माओ की वर्षगांठ के मौके पर लोगों ने यांग्टज़े नदी में सर्दी के मौसम में भी तैरे.
माओत्से तुंग की 120वीं वर्षगांठ
चीनी जनवादी प्रजातंत्र की स्थापना करने वाले माओ की पहचान जार्ज वाशिंगटन की तरह है. वो अपने समय में एकता के महान सूत्रधार थे. लेकिन आज उनकी पार्टी के नए सदस्यों सहित चीन के युवा मुश्किल से ही उनके लेखन, उनके सिद्धान्तों, उनकी महान सफलताओं और भयानक भूलों के बारे में कुछ जानते हैं.
माओत्से तुंग की 120वीं वर्षगांठ
चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के आधिकारिक अख़बार के पहले पन्ने पर माओ की वर्षगांठ का उल्लेख नहीं था. हालांकि बाद के पन्नों में "बड़ा देशभक्त और हीरो" कहकर उनकी तारीफ़ की गई. अख़बार के संपादकीय में ये भी कहा गया कि माओ के लिए सबसे अच्छी श्रद्धांजलि उनके उत्तराधिकारी द्वारा शुरु किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना होगा.
माओत्से तुंग की 120नीं वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रीय संग्रहालय में जमा लोग

साल 1978 में शुरु हुए आर्थिक सुधारों के बाद से चीन के नेताओं ने माओत्से तुंग को श्रद्धांजलि तो दी है लेकिन वे उनकी ज़्यादातर नीतियों से आगे बढ़ गए हैं.