उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) का ज़ासूसी कार्यक्रम संभवतः 9/11 हमलों को रोक सकता था.
पिछले हफ़्ते वाशिंगटन डीसी की संघीय अदालत ने फ़ोन जासूसी को 'विनाशकारी' और 'संभवतः अंसवैधानिक' बताया था.
जनहित
लेकिन शुक्रवार को अपने फ़ैसले में जज विलियम पॉउली ने कहा कि जनहित सरकार की स्थिति के पक्ष में है.
53 पन्नों के अपने फ़ैसले में जज ने कहा कि तलाशी और ज़ब्ती से स्वतंत्र होने का अधिकार मौलिक ज़रूर है लेकिन पूर्ण नहीं.
जज ने कहा, "रोज़ाना लोग अपनी मर्ज़ी से बहुदेशीय कंपनियों को ऐसी जानकारियाँ उपलब्ध करवाते हैं जिनका दुरुपयोग किया जा सकता है."
बहुत कम लोग ही इसके बारे में दो बार सोचते हैं जबकि यह फ़ोन के डाटा को इकट्ठा करने से ज़्यादा घुसपैठ करता है.
जज ने कहा, "ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि सरकार ने इकट्टा की गई जानकारी का इस्तेमाल चरमपंथी घटनाओं को रोकने के सिवा किसी भी और उद्देश्य के लिए किया हो."
अमरीकी सिविल लिबर्टीज़ यूनियन की याचिका को रद्द करते हुए अदालत ने ये फ़ैसला दिया है. यूनियन ने बीबीसी से कहा है कि वह फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करेगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के ख़ुफ़िया कार्यक्रम के सार्वजनिक होने के बाद से रक्षात्मक हुई ओबामा सरकार इस फ़ैसले के बाद से राहत महसूस कर रही है.
मक़सद पूरा हुआ
अमरीकी न्याय विभाग के प्रवक्ता पीट कार्र ने बीबीसी से कहा,"एनएसए के फ़ोन के मेटाडाटा को इकट्ठा करने को अदालत ने सही माना है. हम इससे ख़ुश हैं."
इसी साल जून में पूर्व अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी के पूर्व कांट्रेक्ट कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने अमरीकी ख़ुफ़िया कार्यक्रम को सार्वजनिक किया था.
हाल ही में एक साक्षात्कार में एडवर्ड स्नोडेन ने कहा है कि उनका मक़सद पूरा हो गया है.
30 साल के एडवर्ड स्नोडेन रूस में रह रहे हैं जहां इस वर्ष एक अगस्त से उन्हें अस्थाई शरण मिली हुई है. उनकी ओर से लीक जानकारी के बाद अमरीका ने अपनी निगरानी नीति पर फिर से विचार किया है.